शहीद नंदकुमार पटेल शासकीय महाविद्यालय बीरगांव की स्थापना 15 जून 2017 को कला, वाणिज्य एवं विज्ञान (बायोटेक्नोलॉजी) संकाय, 90–90 सीटों के साथ शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन रावांभाटा से प्रारंभ की गई। इसके पूर्व इस क्षेत्र में महाविद्यालय नहीं होने से यहां के होनहार छात्र-छात्राओं उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो जाते थे। बीरगांव एक औद्योगिक क्षेत्र है जहां छोटे-बड़े बहुत से उद्योग स्थापित हैं, यहां अधिकांशतः मध्यम आय वर्ग एवं मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं।
इन्हीं को ध्यान में रखकर इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं जागरूक नागरिकों ने एकजुट होकर शासन से महाविद्यालय खुलवाने के लिए आग्रह किया। शासन ने इस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु शासकीय नवीन महाविद्यालय बीरगांव की स्थापना की।
महाविद्यालय का नामकरण दिनांक 23–09–2021 को शहीद नंदकुमार पटेल शासकीय महाविद्यालय बीरगांव किया गया। जनता की मांग एवं छात्र हित को देखते हुए सत्र 2020-21 से विज्ञान समूह में गणित संकाय प्रारंभ हुआ। सत्र 2023–24 से एम.ए. (समाजशास्त्र) एवं विज्ञान समूह में वनस्पति शास्त्र विषय प्रारंभ हुआ।
महाविद्यालय का अपना खसरा नं. 406/9 का रकबा 7.244 हेक्टेयर में से भाग रकबा 1.660 हेक्टेयर अर्थात 4.10 एकड़ भूमि स्वीकृत है। उक्त भूमि पर महाविद्यालय को अपना नवीन भवन दिनांक 27–09–2022 को प्राप्त हुआ।
सत्र 2024–25 से इस महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्गत बी.ए./बीकॉम/बीएससी प्रथम सेमेस्टर में नवीन पाठ्यक्रम लागू हुआ।
महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), यूथ रेड क्रॉस सोसाइटी, रेड रिबन क्लब की इकाई संचालित है। ये सभी इकाइयां विस्तार गतिविधियों में संलग्न है, इस प्रकार विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों और नेतृत्व कौशल का विकास करा रहे हैं। महाविद्यालय में ग्रंथालय एवं वाचनालय हैं, जिसमें लगभग 3000 पुस्तकें एवं पत्र–पत्रिकाएं हैं।
महाविद्यालय में समय सारणी के अनुसार नियमित रूप से कक्षाएं संचालित की जाती है। महाविद्यालय में एक स्वस्थ शिक्षण का वातावरण है। महाविद्यालय को पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से संबद्धता प्राप्त है। अपनी स्थापना के साथ ही यह महाविद्यालय उत्तरोत्तर विकास की ओर अग्रसर है।
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